पापी मनुष्य सुखी क्यों रहते हैं?

लक्जरी कार, मखमली गद्दे पर सोना, ढेर सारा पैसा, खूबसूरत औरतों का साथ, संतान का होना , नौकर चाकर की सेवा, ऊंचा नाम क्या आप इसी सुख की बात कर रहे हैं ? यह सुख आकाश में चमकने वाली बिजली के समान क्षणिक है।

रावण जो श्रेष्ठ शिल्पी विश्वकर्मा द्वारा निर्मित सोने की लंका में रहता था, नाना प्रकार के भोग और संसाधन उसके पास मौजूद थे, आकाश, पाताल और पृथ्वी के अधिकांश भागों पर उसका राज था। रावण सौंदर्य, रुप, कांति, यौवन, तप आदि से भरा हुआ था। तीनों लोकों की सुंदरतम स्त्रियां उसके महल में रहती थीं, कुबेर के समान उसके पास धन वैभव का भंडार था। नाती पोते सहित उसका विशाल परिवार था, रावण के भौंह तनते ही देवताओं, राक्षसों और मनुष्यों में खलबली मच जाती थी।

इसके विपरित राम वनवासी, स्त्री वियोग में दुःखी और तमाम तरह के कष्ट सह रहे थे। वहीं रावण इधर उधर की स्त्रियों का अपहरण करके कामसुख भोगता था। लेकिन भविष्य किसका उज्जवल हुआ- राम का ना कि रावण का। 


पापी लोग भले ही बाहर से सुखी नजर आते हों लेकिन वो अपनी नजरों में गिरे हुए होते हैं ‌। मखमली बिछौने पर भी उन्हें नींद नहीं आती सोते समय वो भविष्य की भयानक झलक सपने में देखते हैं।


पापियों का अंत--


रावण हो या कोई अन्य पापी मनुष्य इनका अंत बुरा ही होता है, कोई भी इन्हें पसंद नहीं करता । पापियों को उनकी हैसियत उनके घर वाले ही बता देते हैं। मान लीजिए आज कोई जवानी की जोश में खूब पाप कर रहा है, दूसरों को मार काट कर अपना घर भर रहा है लेकिन जैसे ही वह कमजोर पड़ने लगेगा वैसे ही उसकी हालत एक कुत्ते के समान हो जाती है। घर में पड़ा रहेगा उसकी संतान और पत्नी उसके कुकर्मों की याद उसे दिलाएंगे, वह सोते समय चौंक कर उठ जाएगा क्योंकि सभी पाप उसे रह रह कर याद आते हैं।


बुरे कर्म करने वाला बुढ़ापे में रोग और शोक से दुःखी होकर रोता है, चीखता है लेकिन कोई भी उससे सहानुभूति नहीं रखता। एड़ी घिस घिसकर मौत होती है। यह सब बातें मैं हवा में नहीं कर रहा बड़े-बड़े अत्याचारी शासकों से लेकर साधारण लोगों का अंत बुरा ही होता है।


हमें क्या करना चाहिए—


मुझे तो अब भी अच्छाई पर भरोसा है, अच्छे व्यक्ति बनिए लेकिन इमोशनल मूर्ख मत बनिए। अच्छे लोगों का यह दुनिया जमकर फायदा उठाती है उनसे बचिए। सब को खुश रखने की कोशिश बिल्कुल मत करिए, गलत लोगों का साथ और गलत बात का बिल्कुल समर्थन मत करिए। आज कल तो लोग हत्यारों और बलात्कारियों का भी चरणामृत पी रहे हैं ऐसा मत बनिए।


लक्जरी लाइफ स्टाइल रखना खराब बात नहीं है, जरुर कोशिश करिए सुखी संपन्न रहने की लेकिन किसी को दुःख पहुंचा कर जेब मत भरिए।